छुपा है हर एक हसीन चहेरे के पीछे ना जाने कौन सा गम ?
अब दिखाई देता है हर ख़ुशी के पीछे ना जाने कुछ अनकहा सा दर्द ?
क्यों बर्दाश्त करते हैं लोग इस बेरंग बेहसीन ज़िन्दगी को ?
क्यों दीखता है हर ज़िन्दगी के पीछे वो मौत का आलम ?
अब दिखाई देता है हर ख़ुशी के पीछे ना जाने कुछ अनकहा सा दर्द ?
क्यों बर्दाश्त करते हैं लोग इस बेरंग बेहसीन ज़िन्दगी को ?
क्यों दीखता है हर ज़िन्दगी के पीछे वो मौत का आलम ?
Comments
Post a Comment