उफ़्फ़ येह जुल्फें तेरी
जब भी सवरताँ हूँ
ये ऊलघ सी जाती है
क्यूंकि इन में मैं घुम हो जाता हूँ |
उफ़्फ़ क्या तेरा उस दर्द को छुपाना
वो आशुओं का रोक पाना तेरा
हो सके तो पी जाओं
बस इन्ही हसरतों में क्यू में जिये जाऊँ ||
उफ़्फ़ मार डालेगी तेरी ये जुदाई
तेरी हाथों की ये चूडियाँ
ये तेरे दिल का सुकून
ये तेरी मेरे से दूरियाँ |
जब भी सवरताँ हूँ
ये ऊलघ सी जाती है
क्यूंकि इन में मैं घुम हो जाता हूँ |
उफ़्फ़ क्या तेरा उस दर्द को छुपाना
वो आशुओं का रोक पाना तेरा
हो सके तो पी जाओं
बस इन्ही हसरतों में क्यू में जिये जाऊँ ||
उफ़्फ़ मार डालेगी तेरी ये जुदाई
तेरी हाथों की ये चूडियाँ
ये तेरे दिल का सुकून
ये तेरी मेरे से दूरियाँ |
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