जितने आसमा में तारे है उतने मेरे दिल के टुकड़े ना होते काश वो चाँद मिल जाता तो रोज़ के दुखड़े ना होते | तोड़ना था तो बस तुम बता देते हम तो हॅसी म़ें इसे गवा देते ना तुमको देते कोई दोष ना खोते ख़ामखा अपना होश | अब जब येह खता हो गयी तुमसे ना फिर मिलना कभी हमसे क्यूंकि जब कभी मिलोगे तुम हमसे| इतना रुला देंगे की कभी नज़रें ना मिला सकोगे खुदसे |