आज मैने किसी को
चैन से सोते देखा!
खुले आस्मा के नीचे
सुकून से सोते देखा!
नींद में मदहोशी में
उसे कुछ गुनगुणते देखा!
बेफिक्री सा उसे कुछ
खुद ही खुद में गाते देखा!
पूछना तो चाहा
उससे बहुत कुछ मैने !
पर उसे बस आराम से
चैन से सोते देखा !
फिर मैने आसमा
में चाँद तारों को देखा !
उनको भी सच्ची आज़ादी में
झूमते देखा !
हवाओं को पेडों से
कुछ बातें करते देखा !
उनको बस मैने
ज़िंदगी पे मुस्कुराते देखा !
फिर मैने खुद में
अपने आप को झांक के देखा !
अपने अंदर के इंसान को
बस यू ही मरते देखा!!
चैन से सोते देखा!
खुले आस्मा के नीचे
सुकून से सोते देखा!
नींद में मदहोशी में
उसे कुछ गुनगुणते देखा!
बेफिक्री सा उसे कुछ
खुद ही खुद में गाते देखा!
पूछना तो चाहा
उससे बहुत कुछ मैने !
पर उसे बस आराम से
चैन से सोते देखा !
फिर मैने आसमा
में चाँद तारों को देखा !
उनको भी सच्ची आज़ादी में
झूमते देखा !
हवाओं को पेडों से
कुछ बातें करते देखा !
उनको बस मैने
ज़िंदगी पे मुस्कुराते देखा !
फिर मैने खुद में
अपने आप को झांक के देखा !
अपने अंदर के इंसान को
बस यू ही मरते देखा!!
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