जितने आसमा में तारे है
उतने मेरे दिल के टुकड़े ना होते
काश वो चाँद मिल जाता
तो रोज़ के दुखड़े ना होते |
तोड़ना था तो बस तुम बता देते
हम तो हॅसी म़ें इसे गवा देते
ना तुमको देते कोई दोष
ना खोते ख़ामखा अपना होश |
अब जब येह खता हो गयी तुमसे
ना फिर मिलना कभी हमसे
क्यूंकि जब कभी मिलोगे तुम हमसे|
इतना रुला देंगे की कभी नज़रें ना मिला सकोगे खुदसे |
उतने मेरे दिल के टुकड़े ना होते
काश वो चाँद मिल जाता
तो रोज़ के दुखड़े ना होते |
तोड़ना था तो बस तुम बता देते
हम तो हॅसी म़ें इसे गवा देते
ना तुमको देते कोई दोष
ना खोते ख़ामखा अपना होश |
अब जब येह खता हो गयी तुमसे
ना फिर मिलना कभी हमसे
क्यूंकि जब कभी मिलोगे तुम हमसे|
इतना रुला देंगे की कभी नज़रें ना मिला सकोगे खुदसे |
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