एक दर्द सा दिल में होता है
जब तोड़ के इसको जाये कोई |
फिर टूटे इस दिल को समझाऊ कैसे
अब रखना ना किसी से आस कोई |
क्यों जीता फिर में वही आस लिए
आईगी वोह फिर पास मेरे |
रखेगी वोह मेरे काँधे पे सर
फिर दर्द ना होगा साथ मेरे |
पर दिल यह मेरा कहता है
अब ना आना उस को लौट कर |
सॊजा उसकी यादों के संग
मौत की अब तू फरियाद कर |
जब तोड़ के इसको जाये कोई |
फिर टूटे इस दिल को समझाऊ कैसे
अब रखना ना किसी से आस कोई |
क्यों जीता फिर में वही आस लिए
आईगी वोह फिर पास मेरे |
रखेगी वोह मेरे काँधे पे सर
फिर दर्द ना होगा साथ मेरे |
पर दिल यह मेरा कहता है
अब ना आना उस को लौट कर |
सॊजा उसकी यादों के संग
मौत की अब तू फरियाद कर |
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